प्रकृति को चीरता विज्ञान,
अंतरिक्ष में उड़ता विमान।
खेतों के मध्य गुज़रती रेल, अंतरिक्ष में उड़ता विमान।
कर रही अपना खेल।
हवा को भेदता संगीत,
नहीं लगता अब मृदु गीत।
सूखे पेड़ों का तना अब
घरों की शोभा बढाता है।
तो यही लगता है
कोई अंगूठा टेक मास्टर सब को पढाता है।
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