रविवार, 14 अगस्त 2016

मिट्टी वाली गाड़ी..

मिट्टी वाली गाड़ी..,
मिट्टी की गाड़ी नहीं कह रहा।
वो गाड़ी जिस पे धूल जमा है,
नन्हे नन्हे बच्चों का कैनवास।
मॉडर्न आर्ट का मूल आधार
सृजन का चरम
थाप गोपाल की,
हथेली राधा की ,
बिना ब्रश-रंगो के
सप्तरंगी कला।
फूल, झोपडी 
चन्दा, तारे
टेढ़ी-मेढ़ी चन्द लकीरें 
बिंदी भी श्रृंगार करे
प्यारी गुड़िया की तस्वीरें।
देखें राम झरोखे जब 
लीला सुंदर ऐसी,
मन्द मन्द मुस्काते सोचें
रचना मेरे जैसी।
उनने हमे शान में चाँद कह दिया,
न चाहते हुए भी दाग दे दिया।
1- कोई बात अधूरी ना होती,
     हर बात ज़रूरी न होती,
     गर टुकड़े टुकड़े न होते
     तो बीच की दूरी ना होती।

2-इजाज़त है नहीँ हमको,कहीं इक पल ठहरने की।
   बड़े हैं..काम हिस्से में , अकेली जान है मेरी।।

3-खुद सम्हलोऔर सम्हालो
   औरों से आस ना पालो..

श्रद्धांजलि महामानुष कलाम

सावन की शुरुआत से पहले आंसू बरसें झर झर 
श्रद्धा अपनी व्यक्त कर रहा बच्चा बच्चा घर घर
परी कथा की गाथा वाला देश का हर इक बच्चा
सपनो के सौदागर को प्यार कर रहा सच्चा.
             श्रद्धांजलि महामानुष कलाम

चलते रहना,ज़िम्मेदारी है

सूरज ना बोले थकता हूँ,
चन्दा ना बोले रुकता हूँ,
अविरल नदिया करती कल-कल,
धरा घूमती रहती हर पल,
तारों का टिम-टिम जारी है,
लहरों की गर्जन भारी है,
पवन कभी न सहथाता है,
समय कभी ना रुक पाता है,
सपनों का आना जारी है,
नियम प्रकृति का चलते रहना,हर इक की ज़िम्मेदारी है

ना कोई भी जुदा रहे

वर्ष व्यतीत,
उत्तम अतीत,
उज्वल भविष्य के सपने ले,
शील, सहजता, धैर्य , सौम्यता,
के सुन्दर आभूषण ले ,
अर्जुन के मानिंद मीन की
चक्षु पे दृष्टि सदा रहे
नई ऊर्जा, नई प्रेरणा, नए नए आयामों के संग
इस सुंदर जीवन पथ पर, ना कोई भी जुदा रहे । :)