शुक्रवार, 25 जून 2010

ख़ाब


ज़िंदा से हर ख़ाब ले हर ज़िन्दगी ज़मी पे है ।
हर ख़ाब पूरे हो यहीं ये चाह कहीं पे है ।

सोमवार, 21 जून 2010

पल




ख़ूबसूरत ये पल,
मिलेगा न कल,
न जाए निकल,
पकड़ लो इसे।

एहसास है,
एक रास है,
इतिहास है,
जकड़ लो इसे।