सोमवार, 5 जुलाई 2010

अरुण

भोर -अरुण -प्रकाश।
नव जीवन -नव विश्वास।।
आशाओं का पुंज।
इक अद्भुत अनुगुंज ।।
नए सृजन की द्रृष्टि।
उज्वल होती स्रष्टि।।
अविरल एक प्रवाह।
सद जीवन का निर्वाह।।
राह दिखता नित हमें,
हर एक एहसास ।

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