बुधवार, 7 जुलाई 2010

सोने की चिड़िया



बदरी की जब घटा हटा कर
नव
ज्योति धरती पर पहुची,

सोने की चिड़िया पिंजरे से
सुन्दर
नील गगन में पहुँची
देख रही है धरती उसको
देख
रहा है अम्बर,

चह- चहक कर,फुदक-फुदक कर,
चिड़िया पहुंची घर-घर
मधुर मोहनी कलरव उसका
करता यही प्रचार,
जीत हमेशा सच की होती
हारे अत्याचार

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