क्षितिज पे पहुँचने की चाह कैसी, हम भी तो किसी के क्षितिज पर हैं, चलो क्षितिज से ही शुरुआत की जाए.
अति सुंदर एवम मनमोहक कविता
बहुत अच्छे पंडित जी
अति सुंदर एवम मनमोहक कविता
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे पंडित जी
जवाब देंहटाएं