सार
क्षितिज पे पहुँचने की चाह कैसी, हम भी तो किसी के क्षितिज पर हैं, चलो क्षितिज से ही शुरुआत की जाए.
रविवार, 14 अगस्त 2016
उनने हमे शान में चाँद कह दिया,
न चाहते हुए भी दाग दे दिया।
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