मुझे इस बात पर गर्व है,
फ़क्र है, कि कितनों ही कि आस हूँ,
विश्वास हूँ,
भरोसा और संकल्प हूँ।
नई परिभाषाएँ और नये सृजन का स्रोत,
संबंधों की नई व्याख्या,
पूरकता का पात्र,
विजय नाद,उद्दघोष।
किसी का देव,
किसी का भगवन,
किसी का राजा,
किसी का गुरु,
किसी का लड्डू गोपाल,
किसी का कृष्ण,
किसी का संगी,
किसी का साथी,
और न जाने क्या क्या।
...... पर ईश्वर इंसान रखे।
क्योकि उसने हमें शुद्ध मानव (इन्सान ) बना कर इस धरती पर भेजा।
.....शुद्ध मानव।
उसके द्वारा प्रदत्त कुछ भी अपूर्ण,अशुद्ध हो ही नहीं सकता।
क्योंकि हम पूर्णता के अंश हैं।
फ़क्र है, कि कितनों ही कि आस हूँ,
विश्वास हूँ,
भरोसा और संकल्प हूँ।
नई परिभाषाएँ और नये सृजन का स्रोत,
संबंधों की नई व्याख्या,
पूरकता का पात्र,
विजय नाद,उद्दघोष।
किसी का देव,
किसी का भगवन,
किसी का राजा,
किसी का गुरु,
किसी का लड्डू गोपाल,
किसी का कृष्ण,
किसी का संगी,
किसी का साथी,
और न जाने क्या क्या।
...... पर ईश्वर इंसान रखे।
क्योकि उसने हमें शुद्ध मानव (इन्सान ) बना कर इस धरती पर भेजा।
.....शुद्ध मानव।
उसके द्वारा प्रदत्त कुछ भी अपूर्ण,अशुद्ध हो ही नहीं सकता।
क्योंकि हम पूर्णता के अंश हैं।
ishwar ne to ham sbhi ko paripurn manav bnaya hai parantu hamare karya hi hame apurna bnate hain.
जवाब देंहटाएंishwar ne to ham sbhi ko paripurn manav bnaya hai parantu hamare karya hi hame apurna bnate hain.
जवाब देंहटाएं