सोमवार, 20 दिसंबर 2010

१- २

- महफ़िल सजी हुई है,इक क़सर रही,
आप गए जो,शमा बिख़र गई

- सुन धड़कनों की धक-धक,ये कह रही हैं क्या,
आज मिलने को कोई,हमसे रहा

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