१- महफ़िल सजी हुई है,इक क़सर रही,
आप आ गए जो,शमा बिख़र गई।
२- सुन धड़कनों की धक-धक,ये कह रही हैं क्या,
आज मिलने को कोई,हमसे आ रहा।
१- ग़र्म हैं हर तरफ चर्चाऍ हमारी ,
हम कुछ नहीं कहते,फिर भी वो बहुत है।
२- हर लम्हा ख़ुशगवार है, तेरी क़ायनात का,
दुःख दे रहे हैं जो,तेरी क़ायनात नहीं।
३- ताज पहने हैं हम,फ़कीरी से ऐ ख़ुदा,
ग़र फ़कीरी नहीं,बेताज हो गए।